इक महिला पर अत्याचार होने पर परिवार वालों का रवैया कुछ और ही होता है बदनामी के डर से घर इक महिला पर अत्याचार होने पर परिवार वालों का रवैया कुछ और ही होता है बदनामी के ड...
एक प्यारी तितली बन जाऊ फूल फूल पर में तो यूँ मंडराऊंसुंदर सी में सब को ही ललचाऊँ अपने भाग्य पर में त... एक प्यारी तितली बन जाऊ फूल फूल पर में तो यूँ मंडराऊंसुंदर सी में सब को ही ललचाऊँ...
लेखक : धीराविट पी. नात्थागार्न ; अनुवाद : आ. चारुमति रामदास लेखक : धीराविट पी. नात्थागार्न ; अनुवाद : आ. चारुमति रामदास
इसलिए अगर आप ग़लत नहीं हैं तो बर्दाश्त करने की ज़रूरत नहीं है। इसलिए अगर आप ग़लत नहीं हैं तो बर्दाश्त करने की ज़रूरत नहीं है।
निभा की गम्भीर आवाज ने नीलेश को अंदर से रुला दिया। निभा की गम्भीर आवाज ने नीलेश को अंदर से रुला दिया।
आशीर्वाद के साथ साड़ी का पैकेट लेकर अपने माथे से लगा लिया। आशीर्वाद के साथ साड़ी का पैकेट लेकर अपने माथे से लगा लिया।